खाटू श्याम बाबा की निशान यात्रा का भव्य आयोजन

मनमोहक निशान यात्रा परम पावन रंगभरी एकादशी और हवन पूजन भंडारे का आयोजन समारोह आयोजित किया गया आज के दिन भगवान श्री कृष्ण ने महा बलि भीम के पोते बर्बरीक से परीक्षा में शीश का दान मांगा था क्योंकि भगवान श्री कृष्ण को मालूम था बर्बरीक की तरफ से युद्ध लड़ेंगे वही युद्ध जीतेगा मैं अपनी मां को वरदान दिया था कि हर हारे के सहारे की तरफ से मैं युद्ध लडूंगा जिसका फैसला भगवान कृष्ण को मालूम था कभी नहीं होगा बरबरी किस देने पर भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कलयुग में तुम सबसे ज्यादा पूजा जाओगे और हारे के सहारे कहलाओगे मेरे नाम से पहचाने जाओगे खाटू श्याम और हमारे धर्म ग्रंथों पुराणों में वर्णित है कलयुग में नीले घोड़े पर सवार होकर कल्कि अवतार होगा कुछ लोगों का मानना है
खाटू श्याम तीन चार धारी भगवान विष्णु का अवतार काल की ही है जो धरती से अधर्म को मिटाने धर्म की स्थापना के लिए पैदा हुए हैं जिनकी याद में हर साल रंगभरी एकादशी पर निशान यात्रा निकाली जाती है और भंडारे हवन यज्ञ का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जाता है। और जीत गए दान का मतलब अभिमान से रहित होना भी है और होली का मतलबी है जो हो चुका उससे पार पा लिया जाए एक दूसरे को रंग लगाया जाए गले मिला जाए होली यानी कि होलिया शीश का दान यानी कि अभिमान का त्याग जय खाटू नरेश की जय हारे के सहारे की और जय तीन तीर धारी की मोर मुकुट वाले की नीले घोड़े वाले की यह आयोजन मां बगलामुखी श्री दक्षिणेश्वरी काली पीठ प्राचीन वन खंडेश्वर महादेव शिव मंदिर कैलाश प्रकाश स्टेडियम चौराहा साकेत मेरठ में प्राण प्रतिष्ठित खाटू श्याम की सेवा हेतु किया गया जिसके बारे में आचार्य प्रदीप गोस्वामी ने यह सब वर्णित किया है जिसमें बहुत से भक्तजनों और श्रद्धालुओं ने भी हिस्सा लिया